
आरक्षण से बने डाक्टर ने खुद के बारे मे कहा…
हमारी शख्शियत का अंदाज़ा तुम क्या लगाओगे ग़ालिब,,
जब गुज़रते है क़ब्रिस्तान सेतो मुर्दे भी उठ के पूछ लेते हैं…
कि डाॅक्टर साहब !! अब तो बता दो मुझे तकलीफ क्या थी…!!
पत्रकार: कौन हो भाई?
जाट: जाट
पत्रकार: कितनी ज़मीन है आपके पास?
जाट: 122 एकड़
पत्रकार: कौन सी गाडी है आपके पास?
जाट: पजेरो
पत्रकार: तो और क्या चाहिए?
जाट: आरक्षण
पत्रकार: क्यों भाई?
जाट: मन्ने ना पता भैंस की पुंछ,
ज़्यादा सवाल कोणी… आरक्षण चाहिए तो चाहिए बस।
😛😛😛😛😛
बारिश में भी “आरक्षण” होना चाहिए।
जनरल के घर 9 इंच,
OBC के घर 18 इंच,
SC ST के यहाँ 36 इंच,
नेता के घर बादल फट जाये!!