एक साधु था, उसे गाने का बहुत शौक था
लेकिन उसकी आवाज बहुत बुरी थी…
होली के दिन भांग पीकर वह अपनी उसी फटी हुई
आवाज में जोर-जोर से गाना गाने लगा….
महबूबा महबूबा…, महबूबा महबूबा….
गाना गाते हुए वह बेचारा भांग के नशे में
नाले में जा गिरा फिर नाले में उसकी आवाज आई:
मैं डूबा, मैं डूबा, अरे कोई तो बचाओ मैं डूबा मैं डूबा !!